Unga passed Resolution against military coup in Myanmar India did not participate in voting supports asean initiative | India ने UNGA में हुई वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा, Myanmar पर अपनाया ये रुख


न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने शुक्रवार को म्यांमार (Myanmar) की सैन्य सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा की गई. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमार के खिलाफ शस्त्र प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया और लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को बहाल करने की मांग की.

35 देशों ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

हालांकि भारत (India) समेत 35 देशों ने इस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया. भारत का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का प्रस्ताव उसके विचारों के अनुसार नहीं है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देता रहा है. ऐसे में हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि इस प्रस्ताव में म्यांमार के पड़ोसी देशों और क्षेत्र को शामिल करते हुए एक सलाहकार औ रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है.

भारत ने UNGA में रखा अपना पक्ष

भारत ने कहा, ‘पड़ोसी देशों और क्षेत्र के कई देशों से इसे समर्थन नहीं मिला है. आशा है कि यह फैक्ट उनके लिए आंख खोलने वाला होगा, जिन्होंने जल्दबाजी में कार्रवाई करने का ऑप्शन चुना. म्यामांर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में हमारे संयुक्त प्रयासों के लिए समय अनुकूल नहीं है. इसलिए हम इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहे हैं.’

ये भी पढ़ें- वैक्सीन लगवाने से क्या कम हो जाता है स्पर्म काउंट? स्टडी में किया गया ये दावा

इतने देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान

प्रस्ताव के समर्थकों को उम्मीद थी कि महासभा में सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया जाएगा. बेलारूस ने मतदान कराने का आह्वान किया था. प्रस्ताव के पक्ष में 119 देशों ने वोट किया, बेलारूस ने इसका विरोध किया, जबकि भारत, चीन और रूस समेत 36 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.

बता दें कि यह प्रस्ताव यूरोपीय संघ, कई पश्चिमी देशों और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के 10 सदस्यीय संघ (आसियान), जिसमें म्यांमार भी शामिल है, सहित तथाकथित ‘कोर ग्रुप’ की लंबी बातचीत का परिणाम था. संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक ने कहा कि प्रस्ताव पर सर्वसम्मति के लिए आसियान के साथ एक समझौता किया गया था, लेकिन वोट के दौरान इसके सदस्य देश एकमत नहीं दिखे. आसियान के सदस्यों इंडोनेशिया और वियतनाम सहित कुछ देशों ने पक्ष में वोट किया, जबकि थाईलैंड और लाओस सहित अन्य ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

ये भी पढ़ें- दरिंदे ने अपनी मां को भी नहीं छोड़ा, अकेला पाकर बनाया हवस का शिकार

प्रस्ताव को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, लेकिन महासभा की यह कार्रवाई एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा करती है जिसके तहत आंग सान सू ची की पार्टी को सत्ता से हटा दिया गया था. तख्तापलट के बाद से सू ची और सरकार के कई अन्य नेता एवं अधिकारी नजरबंद हैं, जिसके विरोध में देश में प्रदर्शन चल रहा है. हालांकि यह प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है.

LIVE TV





Credit : http://zeenews.india.com

Related Articles

Latest Articles

Top News