new york covid 19 delta variant cases coronavirus | कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने इस देश में मचाई तबाही, सामने आए इतने ज्यादा मामले


न्यूयॉर्क: न्यूयॉर्क सिटी के स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शहर में कोविड-19 जांच में छह प्रतिशत से अधिक मामलों में संक्रमण के ‘डेल्टा’ स्वरूप की पुष्टि हुई है.

105 मामलों में से 6.7 प्रतिशत डेल्टा वैरिएंट के

न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग ने अपने हालिया अपडेट में कहा कि पांच जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विभिन्न प्रकार के वायरस के लिए परीक्षण किए गए 105 कोविड-19 मामलों में से, 6.7 प्रतिशत डेल्टा (बी.1.617.2) स्वरूप का है.

विभाग ने कहा, ‘वर्तमान में बी.1.1.7 (अल्फा) और बी.1.526 (योटा) शहर में सबसे तेजी से फैलने वाले स्वरूप हैं. हमलोग पी.1 (गामा) और बी.1.617.2 (डेल्टा) की भी निगरानी कर रहे हैं जो अमेरिका एवं अन्य देशों में तेजी से फैल रहा है.’

विभाग के अनुसार शहर में कोविड-19 के 105 नए मामलों में 36.2 प्रतिशत (38 मामले) अल्फा स्वरूप के हैं जबकि योटा स्वरूप के मामले 4.8 प्रतिशत (पांच) और गामा स्वरूप के मामले 17.1 प्रतिशत (18) हैं.

इसके अनुसार डेल्टा स्वरूप के सात मामले आए हैं और आंकड़ों में आगे कहा गया है कि पिछले चार सप्ताह में डेल्टा स्वरूप के 5.6 प्रतिशत मामले आए.

रोजाना भर्ती हो रहे 68 मरीज

न्यूयॉर्क सिटी के महापौर बिल डे ब्लासियो ने गुरुवार को कहा कि शहर के अस्पतालों में रोजाना कोविड-19 जैसे लक्षण वाले 68 मरीज भर्ती हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि संक्रमण दर 8.22 प्रतिशत है.

इस बीच कोरोना वायरस (Coronavirus) के एक और रूप की पहचान हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि लैम्ब्डा (Lambda) नामक COVID-19 के नए वैरिएंट की पहचान की गई है, जो अब तक 29 देशों में फैल चुका है. WHO ने कहा कि नया वैरिएंट सबसे पहले अगस्त 2020 में पेरू (Peru) में मिला था, तब से अब तक ये लैटिन अमेरिका, अर्जेंटीना और चिली सहित 29 देशों में पहुंच चुका है. 

Variables of Concern के रूप में वर्गीकृत

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, WHO ने लैम्ब्डा (Lambda) को ‘वेरिएबल ऑफ इंटरेस्ट’ (Variable of Interest) के रूप में वर्गीकृत किया है. संगठन का कहना है कि ‘वेरिएबल ऑफ कंसर्न’ (Variables of Concern) के रूप में वर्गीकृत करने से पहले इस वैरिएंट की प्रकृति और संक्रामकता शक्ति की निगरानी की जाएगी. पर्याप्त अध्ययन के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि कोरोना का नया रूप कितना घातक है. 

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Credit : http://zeenews.india.com

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