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भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अब जनरल इलेक्शन को केवल 400 दिन बचे हैं और इन दिनों का इस्तेमाल गरीबों और वंचितों के लिए करना है। अब उन 400 दिनों में भी कई दिन कम हो गए हैं। यानी राजनीतिक दलों को अब 2024 का आम चुनाव नजर आ रहा है। आम चुनाव लोकतंत्र का ऐसा उत्सव है जिसका असर हर देशवासी पर पड़ता है। मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा था कि हमें इतिहास बनाना है। तो आखिर पीएम मोदी किस इतिहास की बात कर रहे थे। आइए जरा इतिहास के झरोखे से झांकते हैं…
साल 2014 और 2019 में भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बहुमत से जीत हासिल की। इस तरह प्रधानमंत्री का दूसरा कार्यकाल पूरा होने में भी एक साल से थोड़ा ज्यादा वक्त बाकी है। देश में अब तक दो कार्यकाल पूरा करने वाले तो प्रधानमंत्री हुए हैं लेकिन कोई प्रधानमंत्री ऐसा नहीं हुआ जिसने लगातार तीन कार्यकाल पूरे किए हों। हां पंडित जवाहरलाल नेहरू तीन बार प्रधानमंत्री बने थे लेकिन पहली बार 1947 में वह चुनाव जीतकर पीएम नहीं बने थे बल्कि अंग्रेजों से सत्ता लेने के बाद उन्हें सहमति केआधार पर प्रधानमंत्री की कुर्सी दी गई थी।
संविधान लागू होने के बाद लगातार तीन बार पंडित जवाहर नेहरू लगातार तीन बार चुनाव जीते। 1952, 1957 और 1962 का चुनाव उन्होंने जीता और प्रदानमंत्री बने। लेकिन आखिरी चुनाव जीतने के दो साल बाद 1962 में ही उनका निधन हो गया। ऐसे में तीन बार लगातार जीत हासिल करने वाले अब तक पंडित नेहरू ही प्रधानमंत्री रहे हैं। इसके बाद इंदिरा गांधी ने लगातार 1967 और 1971 में जीत हासिल की और 1975 से 1977 तक आपातकाल लागू कर दिया। इसके बाद 1980 में उनकी वापसी हुई। प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए 1984 में उनका निधन हो गया।
आज हाल यह है कि कांग्रेस की स्थिति बुरी हो गई है। भाजपा के शासनकाल में कांग्रेस कई विधानसभा चुनाव हार चुकी है। यह कार्यकाल पूरा होते ही पीएम मोदी पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। वह भी 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी एक ही कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री थे और बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। वहीं गुलजारीलाल नंदा दो बार प्रधानमंत्री बने लेकिन उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्रियों की जगह ली थी।
भाजपा नेताओं में अब तक अटल बिहारी वाजपेयी ही ऐसे नेता हैं जो कि तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। 1996 में उन्हें 13 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा था। 1999 में एआईएडीएमके के समर्थन वापस लेने के बाद 13 महीने की उनकी सरकार गिर गई थी। इसके बाद 1999 में जीत के बाद उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
अब बात 2024 के चुनाव की। चुनाव में क्या होने वाला है या जनता के मन में क्या है इसका पता तो नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि तमाम सर्वे और अनुमान यही कह रहे हैं कि अब भी केंद्र में भाजपा का पलड़ा भारी है। भाजपा का मुख्य चेहरा नरेंद्र मोदी ही हैं। ऐसे में अगर 2024 में भाजपा जीतती है तो जाहिर सी बात है कि मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। भविष्य के गर्भ में क्या है यह बात कोई नहीं जनता लेकिन विपक्षी एकता अभी बिखरी ही नजर आ रही है।
वहीं नरेंद्र मोदी के सियासी सफर की बात करें तो उनके नेतृत्व में किसी भी चुनाव में हार नहीं मिली है। साल 2001 से 2014 तक वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वहां चुनाव जीतते रहे। इसके बाद 2014 में केंद्र में आए और लगातार दो चुनाव जीते। ऐसे में कहा जा सकता है कि भाजपा इतिहास बनाने की ही तैयारी में है। वह कामयाब होगी या नहीं, इसपर समय ही फैसला कर पाएगा।
Credit : https://livehindustan.com