Mamata Banerjee Akhilesh Yadav Agree On New third Front Without Congress for 2024 general election – India Hindi News


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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को कोलकाता के कालीघाट स्थित ममता बनर्जी के घर पर उनसे मिलने गए थे। कयास लगाए जा रहे थे कि यहां से गैर-कांग्रेसी गठबंधन बनाने का काम शुरू होने वाला है। अब टीएमसी और समाजवादी पार्टी गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे को हरी झंडी दे सकती है। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए ममता बनर्जी ने तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया था। हालांकि, सागरदिघी उपचुनाव के नतीजे घोषित करने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अगला लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेगी। बहुत से लोग यह सोच रहे थे कि राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी विरोधी गैर-कांग्रेसी मंच बनाने की संभावना बन सकती है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश उनमें से एक हैं और इसीलिए वह शुक्रवार को कोलकाता जाकर ममता बनर्जी के साथ बैठक की। 

शनिवार को कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक है। खबर है कि अखिलेश वहां गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेस गठबंधन पर चर्चा कर सकते हैं। पार्टी के एक वर्ग को लगता है कि वह यह स्पष्ट कर सकते हैं कि उनकी पार्टी अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी।

अखिलेश यादव ने पहले ही दिए संकेत

अखिलेश ने पिछले सप्ताह अमेठी जाने पर संकेत दिया था कि वह गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चे की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक जो किया है, वह दोबारा नहीं करेंगे। उन्होंने संकेत दिए कि कांग्रेस के गढ़ अमेठी रायबरेली में भी उम्मीदवार उतारेंगे। अखिलेश ने मीडिया से कहा, “इतने सालों में राजनीतिक प्रमुखों को चुनने के बावजूद अमेठी को उसका हक नहीं मिला है। इस बार अमेठी की जनता बड़े दिल वाले को चुनेगी। हम वादा करते हैं, हम यहां विकास करेंगे।” अखिलेश यादव ने लोगों से ‘वीआईपी’ को वोट नहीं देने की भी अपील की।

2017 में कांग्रेस सपा ने साथ लड़ा था चुनाव

2017 में मुलायम-अखिलेश की पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। उस समय गठबंधन चरमरा गया था। उसके बाद अखिलेश की राहुल से दूरियां बढ़ गईं। अखिलेश धीरे-धीरे गठबंधन तोड़कर बाहर आ गए। उसके बाद भी सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की सीट रायबरेली पर प्रत्याशी नहीं उतारा। मुलायम की सीट मैनपुरी में कांग्रेस ने शिष्टाचारवश उम्मीदवार नहीं उतारा। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अखिलेश के निर्वाचन क्षेत्र करहल में उम्मीदवार नहीं उतारा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश इस बार वह शिष्टता नहीं दिखाना चाहते हैं और इन सभी मुद्दों पर पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक में चर्चा होगी।

कांग्रेस से दूरी लेकिन ममता, केसीआर हैं जरूरी

ममता बनर्जी बनर्जी के साथ अखिलेश यादव क्या चर्चा करेंगे इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। पिछले कुछ सालों में अखिलेश की ममता बनर्जी के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं। मुलायम के बेटे ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान जया बच्चन जैसे सांसदों को तृणमूल के प्रचार के लिए भेजा। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को समाजवादी पार्टी के मंच पर देखा गया था। पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में देश के आठ विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल विपक्षी दलों के खिलाफ किया जा रहा है। गौरतलब है कि ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, के चंद्रशेखर राव, शरद पवार, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, फारूक अब्दुल्ला के हस्ताक्षर वाले पत्र में कांग्रेस, वाम या डीएमके के किसी नेता के हस्ताक्षर नहीं थे। इसके बाद से ये माना जाने लगा कि अखिलेश यादव शुक्रवार को ममता बनर्जी के घर जो बैठक करने वाले हैं यहीं से बीजेपी विरोधी गैर कांग्रेसी मंच की रूपरेखा तैयार होगी।

साल की शुरुआत में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख केसीआर ने ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात की। केसीआर के करीबियों का कहना था कि उन्होंने केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय करके जनविरोधी नीतियों पर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है। अब अखिलेश यादव भी इसी बीजेपी को घेरने का प्लान बनाया है।



Credit : https://livehindustan.com

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