दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर शुक्रवार को लगातार 10वें दिन भी ठप रहा। इस घटना की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इफ्सो ने एम्स के प्रभावित सर्वर की फॉरेंसिक इमेज को जांच के लिए लिया है। इसके माध्यम से पुलिस सर्वर हैकिंग का खुलासा करेगी।
डीसीपी प्रशांत प्रिय गौतम ने बताया कि एम्स सर्वर की फॉरेंसिंक इमेज शुक्रवार को ली गई। अब टीम जांच कर रही है। फॉरेंसिक इमेज से सर्वर हैक होने के समय की स्थिति का पता लगाया जाता है। इसलिए इमेज के माध्यम से हैक होते समय रैनसम वेयर या अन्य वायरस और उसके स्रोत के बारे में जानकारी ली जाएगी। द्वारका स्थित इफ्सो कार्यालय में एक टीम इस इमेज की जांच में जुटी है।
चीन का हाथ होने के संकेत : जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस हैकिंग के पीछे चीन में बैठे हैकर्स का हाथ होने के संकेत मिले हैं। फिलहाल फॉरेंसिक इमेज से इस बात का खुलासा होगा। इसके अलावा एम्स के मरीजों का डेटा हैक कर डार्क वेब पर भी बेचने की बात सामने आई है। फिलहाल पुलिस इन सभी दृष्टिकोण से जांच कर रही है।
यह हमला सामान्य घटना नहीं राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एम्स पर हुआ साइबर हमला कोई सामान्य घटना नहीं है बल्कि एक षडयंत्र है, जिसमें किसी देश की सरकार भी शामिल हो सकती है।
अगले हफ्ते से शुरू होने की संभावना
एम्स का सर्वर 10वें दिन भी शुरू नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह से एम्स की कुछ सेवाएं ऑनलाइन शुरू हो जाएंगी। सबसे पहले ओपीडी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू होगी।
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