Gairsain Finances Session: गैरसैंण बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष समेत कांग्रेस के 15 विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित करने के स्पीकर के फैसले के बाद बजट सत्र का दूसरा दिन हंगामे, नारेबाजी, तोड़फोड़ की भेंट चढ़ गया। गुस्साए कांग्रेस विधायक विधानसभा सचिव की मेज पर चढ़ गए और उनका माइक तोड़ दिया।
स्पीकर की ओर भी विधायकों ने किताब फेंकी। विधायकों ने कार्यसूची और प्रश्नोत्तर फाड़कर स्पीकर की तरफ उछाले। निलंबन के फैसले के बाद भी कांग्रेस विधायक सदन में डटकर हंगामा करते रहे। बसपा और निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के विधायकों के समर्थन में उतर आए।
विशेषाधिकार पर फैसले को लेकर भड़के
मंगलवार को शून्यकाल के दौरान हंगामे की शुरुआत तब हुई जब स्पीकर खंडूड़ी ने विशेषाधिकार हनन के मामलों में कार्रवाई पर फैसला देना शुरू किया। जसपुर विधायक आदेश चौहान ने पिछले साल यूएसनगर के एसएसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए याचिका लगाई थी। चौहान का आरोप है कि बीते साल उनके आवास पर हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने उनके खिलाफ ही केस दायर कर दिया।
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विस अध्यक्ष ने इस मामले में सीएम कार्यालय से मिली रिपोर्ट के आधार पर कहा कि, चौहान के मामले में विशेषाधिकार हनन के तथ्य नहीं पाए गए। दूसरे पक्ष के खिलाफ भी केस दायर हो चुका है। साथ ही वर्तमान में यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। इसलिए इस स्वीकार नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने पुलिस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि विधायक अपने एक ही गनर को रखना चाहते हैं। जब गनर बदला गया तो नए के साथ उनका व्यवहार उचित नहीं है। इस पर कांग्रेस विधायक बिफर पड़े।
यशपाल ने संभाली कमान
इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक दल के उपनेता भुवन कापड़ी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, आदेश चौहान, हरीश धामी, अनुपमा रावत समेत सभी विधायक वेल में आ गए। बात अनसुनी करने पर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच कांग्रेस विधायक रवि बहादुर, वीरेंद्र जाति, सुमित ह्दयेश ने विस सचिव की टेबल को पलटना शुरू कर दिया। वहां रखी रूल्स बुक को फाड़कर भी फेंक दिया। मार्शलों के रोकने पर वो उनसे भी भिड़ गए। इसी बीच फुरकान अहमद और आदेश चौहान सचिव की टेबल पर चढ़ गए।
स्पीकर बोलीं, मेरे सिर पर मारो
निलंबन के विरोध में हंगामे के दौरान हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत और जसपुर विधायक आदेश चौहान सचिव की टेबल पर बैठे गए। वे बार-बार किताबों को टेबल पर पटकते रहे। उन्होंने स्पीकर खंडूड़ी की तरफ भी किताबें फेंकी, लेकिन वे बाल-बाल बच गई।
इस हंगामे को देख स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों की तरफ इशारा किया कि मेरे सिर पर मारो। कांग्रेस विधायक लगातार स्पीकर की तरफ कागज फेंकते रहे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर खंडूड़ी ने शाम 5:57 बजे सदन बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
कांग्रेस विधायकों को हंगामा करते देख विस अध्यक्ष खंडूड़ी का पारा चढ़ गया। उन्होंने विधायकों को कड़े शब्दों में चेताते हुए अपनी सीट पर लौटने को कहा। लेकिन हंगामा शांत न होते देख पहले उन्होंने पहले विधायकों को सदन से बाहर निकालने के निर्देश दिए। कांग्रेस विधायकों के तेवर और तीखे होते देख विस अध्यक्ष ने सभी को सदन की आज की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
इसके बाद विस अध्यक्ष ने सदन को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। कांग्रेस विधायक वेल में डटे रहे और जब सदन शुरू हुआ तो फिर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
सरकार के माध्यम से निर्णय आया था। इस मामले को न्यायालय भेजा जा चुका है। लिहाजा उस पर कुछ कहना उचित नहीं था। मैं उसी विषय को रख रही थी। लेकिन कांग्रेस विधायकों का व्यवहार उग्र हो गया। अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा था। विस सचिव की सीट पर चढ़कर ये मेरी सीट पर कूदने को तैयार थे। अध्यक्ष की गरिमा को नहीं रखा जा रहा था। सदन को गुंडागर्दी का इलाका नहीं बनने दिया जा सकता। इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऋतु खंडूड़ी, विधानसभा अध्यक्ष
विशेषाधिकार हनन के मामले में सरकार और पुलिस की रिपोर्ट सच्चाई से परे हैं। यह विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है। विस अध्यक्ष सदन में सभी विधायकों के संरक्षक होते हैं। कांग्रेस विधायक उसी परंपरा के अनुसार उनसे संरक्षण मांग रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। भाजपा द्वारा लगाए जा रहे अभद्रता के आरोप गलत है।
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष
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