मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि, जोशीमठ में 70 फीसदी दुकानें खुली हुई हैं। वहां जनजीवन सामान्य है। लोगों का औली आना-जाना भी जारी है। इसबार बदरीनाथ यात्रा जोशीमठ से ही कराई जाएगी। मुख्यमंत्री से राहुल गांधी द्वारा जोशीमठ को मुद्दा बनाए जाने के बाबत सवाल पूछा गया था।
जवाब में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, यह समय राजनीति करने का नहीं है। जोशीमठ में सरकार की ओर से समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोशीमठ के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि, जोशीमठ में आठ संस्थानों की टीमें सर्वेक्षण कर रही हैं। एनडीआरएफ, एनडीएमए मौके पर है।
लोगों के पुनर्वास को लेकर सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि, जोशीमठ को लेकर फैले भ्रम को दूर करना होगा। आने वाले चार महीने में चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाएगी। लिहाजा, किसी भी प्रकार के संशय की स्थति पैदा नहीं की जानी चाहिए। चारधाम समेत सभी यात्राएं पूर्व की भांति ही चलेंगी।
वैज्ञानिकों के रोजाना इनपुट से बन रही रिपोर्ट
वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट को लेकर डे-बाई-डे इनपुट देहरादून स्थित सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जा रहा है। यहां रोजाना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद फोन पर ही वैज्ञानिकों से इनपुट लिया जा रहा है। सरकार इस बात का इंतजार नहीं करना चाहती कि सभी वैज्ञानिक जब वापस लौटेंगे तभी रिपोर्ट तैयार होगी।
जोशीमठ में भू-तकनीकी संस्थानों की इस समय सबसे अहम भूमिका है। यही टीम तय करेगी कि जमीन खिसकने से रोकने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। कौन-कौन से घर बचाए जा सकते हैं। कहां पर किस तरह से रेट्रोफिटिंग की जरूरत पड़ेगी।
बन रही है ध्वस्तीकरण वाले भवनों की सूची
जोशीमठ में अभी तक 170 से अधिक ऐसे घर चिह्नित किए जा चुके हैं, जो अब रहने लायक नहीं रह गए हैं। वैज्ञानिकों के सुझाव के बाद सरकार ने इन्हें तोड़ने का काम भी शुरू करवा दिया है। ज्यों-ज्यों दरारें गहरी होती जा रही हैं, ऐसे मकानों की सूची भी लम्बी होती जा रही है। जोशीमठ में आठ से अधिक वैज्ञानिक संस्थानों की टीम भू-धंसाव के कारणों पर शोध कर रही हैं। इनके इनपुट पर ही खतरनाक भवनों को चिह्नित कर मार्किंग की जा रही है। जिला प्रशासन ऐसे कई घरों को प्राथमिकता से गिराने भी लगा है।
ज्योतिष पीठ जाने वाले मार्ग पर 52 से ज्यादा दरारें
जोशीमठ। रोपवे तिराहे से नृसिंह मंदिर परिसर स्थित आदिगुरु शंकराचार्य के गद्दीस्थल और मठ के रास्ते पर 52 से ज्यादा दरारें हैं। मंदिर परिसर का एक हिस्सा भी धंस रहा है। सभासद समीर डिमरी का कहना है कि रोपवे तिराहे से मंदिर परिसर लगभग तीन किमी है, जिसमें कई दरारें चौड़ी हो रही हैं। ऐसे में गद्दीस्थल की सुरक्षा खतरे में है।
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जोशीमठ को राजनैतिक रंग देना कांग्रेस का दोहरा चरित्र : भट्ट
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा में जोशीमठ आपदा को राजनैतिक रूप देने पर आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेता एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर आपदा पर सुझाव देते हैं।
और अगले ही दिन यात्रा में शामिल होकर इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकाल में जारी परियोजनाओं को राजनैतिक मुनाफे के लिए अब अनियोजित विकास बता रही है। महेन्द्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आपदा के पहले दिन से ही प्रभावितों की मदद के बजाए उनकी भावनाओं से खेलने और भड़काने के मिशन में जुटी है।
सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में जोशीमठ व पहाड़ की यात्रा को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का एक दिन जोशीमठ आपदा को समर्पित करना भी इसी नकारात्मक रणनीति का हिस्सा है।
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