चीन के नापाक इरादे भारत नहीं हो सकेंगे फायर, उत्तराखंड बॉर्डर पर यह है तैयारी


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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सामरिक दृष्टि वाली चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के विमानों का तीन दिवसीय अभ्यास  शुरू हो गया है। भारत-चीन सीमा से लगे होने के चलते सामरिक दृष्टि से वायुसेना की अभ्यास की गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण हैं। बॉर्डर पर  सैन्य अभ्यास से चीन के नापाक इरादे भारत पर फायर नहीं हो सकेंगे।

सोमवार को यहां वायु सेना के एयरक्राफ्ट एएन 32 विमान ने 45 मिनट तक लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास किया। उत्तरकाशी जनपद की चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। भारत-चीन सीमा से लगे हवाई पट्टी में वायुसेना ने सुरक्षा गतिविधियों में तेजी लानी शुरू कर दी है।

बीते रविवार को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना के बरेली एयरबेस से हेलीकॉप्टर से दो सदस्यीय कम्युनिकेशन टीम आयी और उसके बाद सोमवार को बरेली एयरबेस से एयरक्राफ्ट एएन 32 विमान ने लैंडिंग की। एयरक्राफ्ट ने आसमान में करीब 45 मिनट तक उड़ान भरी। वायुसेना के विमान ने यहां उड़ान भरते हुए तीन बार लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया।

 

इसके बाद वापस बरेली एयरबेस लौटा गया। एयरक्राफ्ट का यह अभ्यास बुधवार तक चलेगा। हवाई पट्टी का काम देख रहे प्रबंधक घनश्याम सिंह ने बताया कि चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट पर सोमवार से वायुसेना का तीन दिवसीय अभ्यास विधिवत रूप से शुरू हो चुका है।  भारत-चीन सीमा से लगे होने के चलते सामरिक दृष्टि से वायुसेना की अभ्यास की गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण हैं।

यही वजह है कि भारतीय वायुसेना इस हवाई अड्डे को अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाना चाहती है और समय-समय पर यहां अपने विमानों का अभ्यास करती है। पिछले साल भी वायुसेना ने यहां दो से तीन बार अपने विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया था।



Credit : https://livehindustan.com

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