हाइलाइट्स
अगर थायरॉइड असंतुलित हो जाएं तो कई शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं.
थायरॉइड असंतुलित होने के कारण अवसाद, चिंता, अनिद्रा जैसी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
Learn how to do away with Hyperthyroidism: हमारे शरीर में हार्मोन का बहुत अधिक महत्व है. इसकी मात्रा बहुत कम होती है लेकिन यह पूरे शरीर को नियंत्रित करता है. शरीर में कंट्रोल और कॉर्डिनेशन का काम हार्मोन का है. इसकी थोड़ी भी कमी हो जाए या थोड़ी भी मात्रा बढ़ जाए तो कई बीमारियां लगने लगती है. थायरॉइड इन्हीं में से एक है. थायरॉइड गर्दन के पास तितली के आकार की एक ग्रंथि है जिसमें से थायरॉइड हार्मोन रिलीज होती है. अगर थायरॉइड असंतुलित हो जाएं तो कई शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं. थायरॉइड असंतुलित होने के कारण अवसाद, चिंता, अनिद्रा जैसी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. थायरॉइड वजन, दिल और फर्टिलिटी को भी नियंत्रित करता है, इसलिए इसमें गड़बड़ी होने का सीधा असर इन चीजों पर होगा. थायरॉइड हार्मोन अगर बढ़ जाए तो इसे हाइपर थायरॉइड कहते हैं. वहीं जब घट जाए तो इसे हाइपो थायरॉइड (Hypothyroidism ) कहते हैं. दोनों स्थिति खतरनाक है. मानसिक परेशानियां दोनों तरह के अंसतुलन में होती है लेकिन हाइपोथायरॉयडिज्म में ज्यादा होती है.
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हाइपो थायरॉइड के लक्षण
मायो क्लिनिक के मुताबिक अगर शरीर में थायरॉइड की मात्रा जरूरत से कम हो जाए तो हर समय जरूरत से ज्यादा चिंता होने लगती है. मरीज स्वभाव से चिड़चिड़ा होने लगता है. समय-समय पर गुस्सा आने लगता है. किसी काम में ध्यान लगाने में परेशानी होती है. मरीज हर समय उदास और दुखी रहता है. लोगों से बात करने या मिलने में परेशानी होती है. सामान्य गतिविधियों में मन नहीं लगता. दिनभर आलस्य या लो एनर्जी महसूस होता है. थकान और ज्यादा सर्दी भी लगती है. वहीं कुछ मामलों में वजन भी बढ़ जाता है. इसके अलावा अवाज में भारीपन आ जाता है. कुछ मरीजों को कॉन्सिटीपेशन भी रहता है. इसके साथ ही मसल्स कमजोर होने लगती है. मसल्स में ऐंठन और स्टीफनेस आने लगती है. चेहरा पफी होने लगता है. महिलाओं में पीरियड्स भारी होते हैं और बाल भी पतले हो जाते हैं.
थायरॉइड से बचने के घरेलू नुस्खे
आयोडाइज्ड सॉल्ट-हेल्थलाइनके मुताबिक थायरॉइड कम हो जाने पर आयोडाइज्ड सॉल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा सीफूड, डेयरी प्रोडक्ट, पॉल्ट्री से भी परहेज करना चाहिए.
बग्लीवीड का पौधा-बग्लीवीड के पौंधे से हार्ट और लंग्स की समस्याओं का इलाज किया जाता है. बग्लीवीड लेवेंडर की तरह का ही एक पौधा है जिसके फूल से इलाज किया जाता है. इससे थायरॉइड पर भी काबू पाया जा सकता है.
लेमन बाम-लेमन बाम भी एक पौधा है जिससे थायरॉइड का इलाज किया जाता है. यह पुदीना कुल का पौधा है जिसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
लेवेंडर ऑयल-थायरॉइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लेवेंडर ऑयल की मसाज फायदेमंद है. इसके साथ ही सैंडलवूड एसेंशियल ऑयल भी थायरॉइड में मानसिक परेशानियों से बचा सकता है.
एक्सरसाइज-जिस तरह कई अन्य बीमारियों में एक्सरसाइज बहुत मदद करती है, उसी तरह थायरॉइड की समस्या में भी एक्सरसाइज फायदेमंद है. थायरॉइड में मानसिक समस्याओं से बचने के लिए मेडिटेशन भी लाभदायक है.
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Tags: Well being, Well being ideas, Way of life
FIRST PUBLISHED : January 18, 2023, 01:25 IST
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