हाइलाइट्स
कोविड के बाद से किडनी रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ी है.
हाई बीपी और डायबिटीज किडनी रोगों को पैदा करते हैं.
किडनी यानि गुर्दे हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग है और वे शरीर में बहुत जरूरी काम करते हैं. किडनियां शरीर में बने बाय-प्रोडक्ट्स, जरूरत से ज्यादा पानी और खून में मौजूद कई प्रकार के संक्रामक तत्वों को को बाहर निकाल देती हैं. किडनी के बाय-प्रोडक्ट्स को ब्लैडर (मूत्राशय) में भेजती है, जहां से इन्हें यूरिन यानि पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है. इसके अलावा किडनी शरीर में पीएच, नमक और पौटेशियम के स्तर को भी संतुलित बनाए रखती हैं. इसके साथ ही किडनी कई प्रकार के कैमिकल्स भी बनाती हैं, जो नाड़ी (पल्स) और हीमोग्लोबिन के विकास को नियन्त्रित करते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो किडनी शरीर में विटामिन-डी का सही संतुलन बनाए रखने के लिए भी काम करती है, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद कर हड्डियों और मांसपेशियों की क्षमता को बनाए रखता है. ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किडनी का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. किडनी अगर ठीक से काम कर रही है, तो ये शरीर से बेकार चीजों को ठीक से बाहर निकाल पाती हैं और ऐसे कैमिकल्स बनाती हैं जो शरीर को अपना काम ठीक से करने में मदद करते हैं.
पथरी नहीं ये 3 बीमारियां पहुंचाती हैं नुकसान
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनोज अरोड़ा कहते हैं कि किडनी में स्टोन होना आम है लेकिन अगर पथरी भी लंबे समय तक रहे तो वह नुकसानदेह होती है. हालांकि 3 वजहें या बीमारियां हैं जो स्वस्थ किडनी में रोग पैदा करने का काम करती हैं और किडनी को डायलिसिस तक ले जाती हैं. पहली बीमारी है डायबिटीज या ब्लड शुगर. जब खून में ग्लूकोज का उपयोग ठीक से नहीं होता, तब किडनी को इसे फिल्टर करने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है. ऐसा अगर सालों तक चलता रहे तो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और किडनी फंक्शन गड़बढ़ हो जाता है.
दूसरी बीमारी है ब्लड प्रेशर. बीपी के ज्यादा होने से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है. ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अगर इससे होने वाली बीमारियां जैसे दिल की बीमारियां, ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल होता है तो इनका भी किडनी पर बुरा असर पड़ता है. ब्लड प्रेशन बढ़ना किडनी रोगों का संकेत भी हो सकता है.
डॉ. कहते हैं कि तीसरी बीमारी है मोटापा. मोटापे या अधिक वजन वाले लोगों में कई प्रकार की बीमारियों की संभावना सबसे अधिक होती है जैसे कॉलेस्ट्रॉल बढ़ना, ब्लड शुगर बढ़ना, ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना. इन सभी का बुरा असर किडनी के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. किडनी फेल हो सकती है और डायलिसिस की स्थिति आ सकती है.
इन लोगों को करवानी चाहिए किडनी की जांच
. अगर आप नियमित रूप से पेन किलर दवाएं लेते हैं तो भी किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. आईबुप्रोफेन, नेप्रोज़ेन और और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लामेटरी दवाएं किडनी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं. इन दवाओं को लेने वाले लोगों को अपना किडनी फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए.
. अगर आपकी उम्र 60 साल है तो भी आपको केएफटी कराना चाहिए.
. दिल की बीमारियों वाले लोगों को किडनी की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे लोगों को किडनी की जांच कराते रहना चाहिए.
. जिन्हें डायबिटीज़, हाइपरटेंशन हो या जिनके परिवार में किडनी रोगों का इतिहास हो, ऐसे लोगों को किडनी रोग हो सकता है.
. मोटापा भी किडनी के लिए खतरनाक है. जिनका वजन सामान्य से ज्यादा हो, उनमें किडनी रोग हो सकता है. ऐसे लोगों को गुर्दे की जांच करानी चाहिए.
. किडनी में स्टोन होने पर भी किडनी को परेशानी हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2023, 14:58 IST
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